- बाढ़ से तबाहहाल लोगों की मदद को आगे आए लोग
- सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक संगठनों ने संभाला मोर्चा
- जिला इंतेजामियां के आहवान पर उद्यमियां व प्रधानों की लब्बैक
चाँद खाँ, ब्यूरो चीफ, रामपुर/रूद्रपुर। जिले के अनगिनत गांवों में बर्बादी की इबारतें दर्ज कर गई बाढ़ का जोर टूटना शुरू हो चुका है। इससे लोगों ने कुछ राहत का अहसास किया है लेकिन बाढ़ के कारण अस्त व्यस्त जनजीवन को पटरी पर आने में अभी समय लगेगा। बाढ़ से तबाहहाल लोगों के जख्मों की टीस दर्दमंदों के दिलों पर दस्तक दे रही हैं और वो उनकी मदद को आगे आ रहे हैं। दर्जनों सामाजी, सियासी व मजहबी संगठनों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद को मोर्चा संभाल लिया है। जलस्तर घटते ही इंसानियत के अलमबरदार बाढ़ पीड़ितों के दरवाजों पर दस्तक दे उनकी मदद करते दिखाई दिये।
बाढ़ पीड़ितों के जख्मों पर राहत का मरहम
रविवार से लगातार दो दिनों तक हुई मूसलाधार बारिश और उत्तराखण्ड से छोड़े गए लाखों क्यूसेक पानी ने जिले को अपनी आगोश में ले लिया। दर्जनों गांवों में किसानों की फसलें बर्बाद हो गयीं। मवेशी मर गये। लोग अपने घरों से दर-बदर हो गये। बुधवार की दोपहर के बाद से पानी का जोर टूटना शुरू हुआ और आज जलस्तर में तकरीबन 6-7 फीट तक कमी दर्ज की गई। इससे लोगों को काफी राहत मिली है। लेकिन नदी के किनारे बसे गांवों की अभी बुरी भी दशा है। अत्याधिक जलभराव के कारण उन तक अपेक्षित मदद नहीं पहुंच पा रही है। शहर व आसपास के कम जलमग्न इलाकों में इंसानियत का जज्बा लिये लोग बिखर गये हैं और लोगों को खाने-पीने का सामान बांट रहे हैं। जिंदगी के पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो जाने के बाद प्रभावितों के लिए यह मदद भी कम नहीं है।
ये संस्थाएं कर रहीं दिल खोलकर मदद
लॉकडाउन में लोगों की मदद के बाद बाढ़ पीड़ितों की सहायता इंसानी हमदर्दी का जज्बा दिलों में रखने वाले लोगों के लिए अगले मोर्चे के तौर पर मौजूद हैं। ऐसे मुसीबतजदा लोगों की मदद कर अपना मानवीय धर्म निभाने वाले इसे बखूबी समझ भी रहे हैं। अंजुमन फ़लाहे इंसानियत एक ऐसी ही सामाजी संस्था का नाम है। इस संस्था के लोगों ने शहर से सटे गांव हज़रतपुर, घाटमपुर, अटरिया आदि गावों में लोगों के बीच पहुंचकर खाने पीने के सामान आदि के सैंकड़ों पैकेट बाढ़ पीड़ितों को बांटे। इस दौरान संस्था अध्यक्ष सुलतान सैफ़ी, संरक्षक मौ0 असलम जावेद क़ासमी, मु0 साजिद कन्नोजी आदि मौजूद रहे। इसके अलावा सामाजी कार्यों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेने वाली खालसा सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से अंदरूनी क्षेत्र में बसे गांवों में पहुंचकर भूखे-प्यासे लोगों को तकरीबन 2000 पैकेट वितरित किये। इस मौके पर करणदीप सिंह, मनमीत सिंह, निर्मल सिंह, सुरजीत सिंह, सरबजीत सिंह, मनजीत सिंह आदि मौजूद रहे।
दिलासा के साथ दे रहे प्रशासनिक इंतेजामों की जानकारी
सामाजी संगठन लोगों के बीच जाकर उन्हें न सिर्फ खाने पीने का सामान मुहैया करा रहे हैं बल्कि उन्हें बाढ़ से तबाहहाल लोगों के लिए प्रशासनिक स्तर पर किये जा रहे इंतेजामों की जानकारी भी दे रहे हैं। अंजुमन फलाहे इंसानियत के अध्यक्ष सुलतान अहमद सैफी ने बताया कि उनकी ओर से फसलों के मुआवजे से लेकर राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दिये जाने से मायूस किसानों को भी कुछ तसल्ली मिलती है।
जिला इंतेजामियां की आवाज पर उद्यमी व जनप्रतिनिधियों की लब्बैक
किसी भी बाढ़ प्रभावित परिवार के सामने रोटी का संकट न आए इसे लेकर जिला इंतेजामिया भी गंभीर है। जिला इंतेजामिया की आवाज पर उद्यमियों और ग्राम प्रधानों ने लब्बैक कहते हुए मोर्चा संभाला है। बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने में रेडिको खेतान, इंडिया व्हील लिमिटेड आदि के अलावा जनपद के ग्राम प्रधान अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मॉदड़ के अनुसाऱ प्रभावित परिवारों को पूर्ति विभाग द्वारा भी खाद्य सामग्री मुहैया करायी जा रही है। सामग्री के 2 पैकेट तैयार कराए जा रहे हैं। एक पैकेट में लाई, भुना चना, गुड़, बिस्कुट, माचिश, मोमबत्ती, साबुन आदि शामिल है वहीं दूसरे पैकेट में आटा, चावल, अरहर दाल, नमक, हल्दी, मिर्च, धनियां और रिफाइन्ड को शामिल किया गया है।
सर पर चुनाव तो नहीं दिख रहा पानी का बहाव
यूपी में चुनाव सिर पर रखा है ऐसे में सियासी लोग भी बाढ़ पीड़ितों की खुलकर मदद कर रहे हैं। उन्हें बाढ़ पीड़ितों के दरवाजों पर दस्तक देकर खाने पीने का सामान मुहैया कराते देखना कोई मुश्किल काम नहीं है। चुनाव सिर पर होने के कारण लग्जरी गाड़ियों से पैर नीचे न उतारने वाले नेताओं को कीचड़ और पानी का बहाव कुछ नजर नहीं आ रहा है। बहरहाल मंशा चाहे जो भी हो लेकिन गरीबों की मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है।