- वर्क ने यूपी सहित दर्जन भर राज्यों में निकाला शांति मार्च
- मुस्लिमों से कश्मीरी पण्डितों के साथ खड़ा होने का आहवान
- इस्लाम में एक मनुष्य की हत्या पूरी मानवता की हत्या समान
- वर्क का कश्मीर जाकर ग्राउंड लेवल पर काम करने का निर्णय
चाँद खाँ, ब्यूरो ब्यूरो, रामपुर/रूद्रपुर। कश्मीर में हो रही धार्मिक अल्पसंख्यकों की हत्याओं की घटनाओं से मुस्लिम समाज भी आहत है। इसका उदाहरण उस समय सामने आया जब प्रतिष्ठित संस्था वर्क चेरिटिबल ट्रस्ट ने यूपी के रामपुर सहित 12 राज्यों में शांति मार्च का आयोजन कर इन हत्याओं की निंदा की। मृतकों की आत्मा की शांति के लिए मौन रखा। इतना ही नहीं बल्कि संस्था ने कश्मीर जाकर धार्मिक अल्पसंख्यकों की जान माल की रक्षा के लिए मुस्लिम समुदाय को जागरूक करने का निर्णय भी लिया है।
यूपी के रामपुर समेत 12 राज्यों में शांति मार्च का आयोजन
कश्मीरी पंडितों व सिक्खों आदि की हत्या व लगातार हो रहे हमलों के खिलाफ आवाज उठाते हुए वर्क चेरिटिबल ट्रस्ट ने यूपी के रामपुर समेत 12 राज्यों में शांति मार्च का आयोजन किया। रामपुर में “वर्क“ संस्था के प्रदेश कार्यालय बंगला आज़ाद खाँ स्थित शम्स नावेद हॉल से अल्लामा अब्दुल्लाह तारिक़ की अध्यक्षता में आतंकवाद से लड़ने के लिए देश के मुस्लिमों से आह्वान व “शांति मार्च“ का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य विगत कुछ दिनों में कश्मीर में धर्म के आधार पर आतंकवादियों द्वारा कश्मीरी पण्डित माखनलाल बिंदरू व सिक्ख अध्यापिका का विरोध था। “वर्क“ संस्था की ओर से इसकी कड़ी निंदा करते हुए कश्मीर में मारे गए मृतकों की आत्मा की शांति के लिये 2 मिनट का मौन धारणकर “शांति मार्च“ निकाला गया। इस मौके पर जुनैद मिर्ज़ा, सुहैल खान, कीर्ति तावादरे, राहुल जोशी, मुदस्सिर खान, डा0 जौहर, मुकेश कुमार आदि सहित वर्क यूनिट रामपुर कार्यकर्ता मौजूद रहे।
प्रसिद्ध इस्लामिक विद्वान सै0 अब्दुल्ला तारिक का बयान
इस दौरान अल्लामा तारिक़ ने कहा धर्म के नाम पर आतंकवाद एक जघन्य एवं अक्षम्य अपराध है। क्योंकि इस्लाम में एक मनुष्य की हत्या को पूरी मानवता की हत्या के तुल्य ठहराया है। उन्होंने अपनी संस्था “वर्क“ के माध्यम से कश्मीरी व देश के मुसलमानों से अपील की कि उन्हें कश्मीरी पण्डित भाईयों के साथ खड़ा होना चाहिए।
आतंकवाद के खिलाफ मुसलमानों को एकजुट करने की पहल
सै0 अब्दुल्ला तारिक ने बताया आज से पहले वर्क संस्था ने देश के दर्जन भर राज्यो में शांति रैली निकाल आतंकवाद के खिलाफ़ मुसलमानों को एकजुट करने की पहल कर दी है। रामपुर में भी शांति मार्च निकाला जा रहा है। पैग़म्बर मुहम्मद साहब ने कहा कि “जो कोई ग़ैर मुस्लिम अल्पसंख्यक पर क्रूर और कठोर है, या उनके अधिकारों का हनन करता है या उनकी इच्छा के विरूद्ध उनसे कुछ भी लेता है तो मैं (मुहम्मद सल्ल०) क़यामत के दिन उस व्यक्ति के खि़लाफ़ शिकायत करूँगा।“
धर्म के नाम पर आतंकवाद सृष्टि में सबसे खतरनाक
उन्होंने आगे कहा कि कश्मीरी अल्पसंख्यकों के साथ भविष्य में इस प्रकार की कोई भी घटना घटित न हो ये दायित्व वहाँ के मुसलमानों का है। आतंकवाद बिना लोकल सपोर्ट के फल फूल नहीं सकता, इसलिए कश्मीरी मुसलमानों को खुलकर आतंकवादियों के विरूद्ध सामने आना होगा। आतंकवाद ग़लत है लेकिन धर्म के नाम पर आतंक फैलाने वाले आतंकवादी इस सृष्टि में सबसे खतरनाक हैं।
कश्मीर में मुस्लिमों के बीच ग्राउंड लेवल पर काम करेगी संस्था
अल्लामा तारिक ने कहा कि मात्र इस प्रकार की अमानवीय घटनाओं की रोकथाम के लिए शांति मार्च काफ़ी नहीं बल्कि कश्मीर जाकर कुछ करने की भी आवश्यकता है। वर्क संस्था कश्मीर जाकर ग्राउंड लेवल पर मुसलमानों से बात करेगी और उनसे अतीत को भुलाने की अपील के साथ यह अपील भी करेगी कि जो कश्मीरी पण्डित चले गए हैं, उन्हें बुलाइये उन्हें विश्वास दिलाइये की वह कश्मीर में सुरक्षित हैं और आपके भाई हैं।